Wednesday, September 11, 2013

समस्यां की जड़ तक जाने से हम कतराते है, मामला यह कहकर ख़त्म कर देते है की ये "सब कुछ तो नेता करवाते है. " या वाहवाही बटोरते है कुछ डायलाग बोलकर कि "न हिन्दू मरा है ना मुसलमान मरा है ... इंसान मरा है,,,,,,,•"

हम लोग बोलने से बहुत डरते है यह जानते हुए भी की असल मे इस्लाम और मुसलमान अंदर ही अंदर क्या चाहते है ....
लेकिन समस्यां की जड़ तक जाने से हम कतराते है, मामला यह कहकर ख़त्म कर देते है की ये "सब कुछ तो नेता करवाते है. "
या वाह वाही बटोरते है कुछ डायलाग बोलकर जैसे कि "न हिन्दू मरा है ना मुसलमान मरा है ... इंसान मरा है,,,,,,,

•.1400 साल से मरने वाला तो इंसान है पर मारनेवाला भी तो जिहादी मुसलमान ही है, क्या नहीं है...??

•1993 मुंबई सीरियल बम धमाके......अक्षरधाम मंदिर ,.....रघुनाथ मंदिर ,.....साबरमती ट्रेन को जलाना,.....दिल्ली सीरियल ब्लास्ट, .......2008 मुंबई
जिहादी हमला , ......हैदराबाद ब्लास्ट....वाराणसी ब्लास्ट और भी न जाने कितने बम ब्लास्ट हुए, देश का कोई
कोना नहीं बचा जिहादी हमले से, मरा तो इंसान ही है पर
मारने वाला कौन है....???

• देश को तो छोडिये विश्व का कौन सा कोना आज जिहाद से पीड़ित नहीं है,...... है कोई देश....????

# असम ,कश्मीर , हैदराबाद केरला यूपी समेत सारे राज्यो का इस्लामीकरण हो रहा है
# भारत मे हुए पचास हजार दंगे
# दुनिया भर मे होने वाली अशांति फसाद
# गोधरा में रेल किसने जलाई ?
# मुजफ्फर नगर के दंगे क्यों हुए
# बर्मा में बौद्धों को किसने तलवार पकड़ने पर मजबूत
किया
# अमेरिका में खून किसने बहाया
#शियाओ अहमदियो पे कहर
# सद्दाम हुसेन कौन था
# बिन लादेन कौन था
# अल जवाहिरी कौन था
# यासीन भटकल कौन था
# दरभंगा में मुस्लिम लड़के क्यों पकडे जा रहे है ?
# जलालुद्दीन अकबर कौन था
# तैमुर लंग
# तुगलक
# गौरी
# खिलजी
# औरन्ज्ग्जेब
इन लोगो ने अपने कारनामो के खूंटे कैसे और क्यों गाड़े है
पता तो कर लिया करो कभी

अगर मुस्लिम बेरोजगारी की वजह से भटककर फसादी और जिहादी बनते है तो ये बेरोजगारी हिन्दुओ को दंगाई और जिहादी क्यों नहीं बनाती ?

मुसलमानो द्वारा समय समय पर भाईचारा,सदभाव
और लुभावनी मीठी बाते करके हिंदुओ और गैरमुस्लिमो को "नींद की गोली" दी जाती है ...
ताकि हिंदुओ और गैर मुस्लिमो का ध्यान मुसलमानो की पौपुलेशन जो जिला ,शहरो के लेवल से लगातार
बढती जा रही है ,उससे वो बेखबर रहे और किसी का उस पर ध्यान न जाने पाए ..

जहा ये मुस्लिम संख्या मे कम होते है वहा खुद को "मजलूम" और "ग़ुलाम" बता कर प्रोपेगंडा करते और
बाकी मजहब वालो को जालिम ठहरा देते है जैसे :-
१-इजराईल मे ---यहूदियो को जायनिस्ट ठहराना
२-अमेरिका मे--अमेरिकन्स को दहशतगर्द ठहराना
३- यूरोप मे----ईसाईयो को रासिस्ट ठहराना
४-भारत मे---हिन्दुओ को सांप्रदायिक ठहराना
५-बौद्ध देशो---बौद्धो को फासिस्ट ठहराना

ये मुस्लिम पहले ही सेकुलरो पर "मानसिक दबाव" बनाते है इसके लिए ये दूसरे मजहबो मे "सेकुलर" ढूंढ कर
उनकी तारीफो के पुल बाँध देते है:)) ताकि इनका इस्लामीकरण का एजेंड़ा चुपचाप चलता रहे ....

अरे चुxयो .... अन्धो ! सेकुलरो !
कैसे समझाएं तुम्हे की तुम सबकी और तुम्हारे बच्चो की आने वाले सालो मे शामत आने वाली है ?
कम से कम अब तक क्या हुआ और आगे क्या मुसीबते आने वाली है जरा सोच तो लो ....!

अब चाहे हमारी जितनी दुर्गती हो ,
पर हम कभी सावधान और ताकतवर नही बनेंगे और सब कुछ यूँ ही गवाते रहेंगे ...और यूं ही हलाल होते रहेंगे ..
बस फिर कोई ईमोशनल मौका आयेगा और फिर अपने
चूतडो मे कीडा काटेगा सेक्युलरिज्म का ..!

आज 25% मुसलमानो से इतनी सिरदर्दी बढा रखी हैऔर जैसे जैसे ये बढते जा रहे है ,
चाहे जिला चौपालो से पूरे देश मे आगे कुछ सालो मे जब ये आज 25% से 30% 40% 50% फिर हो जाएगे ,तो आगे राजनीतिक,सामाजिक,आर्थिक रूप से कितना नुकसान होगा ये भी जरूर सोच लेना .....!

इसलिए इस बात को जितना जल्दी समझोगे आगे उतना ही कम नुकसान होगा .....

लेकिन समस्यां की जड़ तक जाने से हम कतराते है, मामला यह कहकर ख़त्म कर देते है की ये "सब कुछ तो नेता करवाते है. "
या वाहवाही बटोरते है कुछ डायलाग बोलकर कि "न हिन्दू मरा है ना मुसलमान मरा है ... इंसान मरा है,,,,,,,•"



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