Tuesday, September 10, 2013

असदुद्दीन ओवैसी, हैदराबाद से सांसद (मजलिस - ए- इत्तेहदुल मुस्लिमीन)


में चेतावनी देता हूँ की यदि बंगलादेशी मुसलमानों का उचित पुनर्वास नहीं हुआ तो सभी मुसलमानों में कट्टरपंथिता की तीसरी लहर के लिए तयार हो जाएँ"
-असदुद्दीन ओवैसी, हैदराबाद से सांसद
(मजलिस - ए- इत्तेहदुल मुस्लिमीन)

ये है इस्लाम का असली चेहरा , आज ये गद्दार इतनी ऊंची आवाज में बोल रहा है क्योंकि इसे पता है इसे अपनी जगह से कोई हिला नहीं सकता ।
हैदराबाद में आधे से अधिक अब मुसलमान है अतः इसकी सीट पक्की है ।

यह एक तथ्य है की जब तक मुसलमान कहीं पे ५०% से कम होते हैं तब तक ये भाईचारे, प्रेम एवं धर्मनिरपेक्षता की बात करेंगे ...देशभक्ति के दावे करेंगे , अपने आप को भेदभाव का शिकार बताएँगे ...लेकिन यही मुसलमान जब ५०% से अधिक हो जाते हैं वहां धर्मनिरपेक्षता चूल्हे में चली जाती है, सारा भाईचारा ख़तम हो जाता है , बचता है तो सिर्फ इस्लाम ।

और केंद्र में हमारी नपुंसक सरकार कुछ नहीं कर सकती । बताया गया वक्तव्य इस असदुद्दीन ने आज संसद के सामने दिया है । यह गरिमा है आज हमारे संसद की - कोई भी आ कर खुलेआम देश में आतंक की धमकी देकर जा सकता है ......

भारतीय संसद में बैठे एक गद्दार का नाम है ' असाउद्दीन ओवैसी ', यह गद्दार भारतीय संसद में बांग्लादेशी भिखमंगों के पक्ष में बयान देता है और कहता है की 'यदि बांग्लादेशी भिखमंगों को भारत से भगाया गया तो भारत का हर मुसलमान आतंकवादी बन जाएगा' मतलब इसने हर भारतीय मुसलमान को आतंकवादी घोषित कर दिया है l

भारतीय संविधान की धारा 102 (1)(d) के तहत ये देश हित को नकारते हुए किसी दुसरे देश में आस्था रखने का मामला बनता है जिस पर कार्यवाई होनी चाहिए थी पर भारत की देशद्रोही नपुंसक कांग्रेसी सरकार में इतना दम कहाँ l

इतना ही नहीं ये खुले आम बांग्लादेशियों का समर्थन करते हुए कहता है की भारत की जल्दी से जल्दी इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए बांग्लादेशियों का होना अति आवश्यक है l

इस गद्दार ने अपनी सांसद निधि के पैसे से असम में केवल बांग्लादेशी भिखमंगों के लिए राहत शिविर लगाया है जिस पर 'केवल मुस्लिमों के लिए' का बोर्ड लगा है l यदि हम ऐसे गद्दारों का चेहरा सामने लाते हैं तो हमें सांप्रदायिक कहा जाता है....यही है भारत में धर्मनिरपेक्षता का असल चेहरा l
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केन्द्र की कांग्रेस सरकार पाकिस्तान से आये ३२ हिंदू परिवारों को भारत मे एक पल भी रहने की अनुमति देने से मना कर रही थी .. कड़कड़ाती ठंड मे उन्हें दिल्ली से एक ट्रक मे ठूंस कर गाज़ियाबाद फिर तात्कालीन मायावती सरकार उन्हें दिल्ली मे फेक देती थी | ठंड से दो मासूम बच्चो की मौत भी हो चुकी थी |

लेकिन आज वही केन्द्र की कांग्रेस सरकार दक्षिण दिल्ली मे डेरा जमाए दस हज़ार म्यामांर से आये मुसलमानों को अपने दामाद की खातिर पाल रही है | उन्हें रोज ट्रक भर कर खाना दवाए आदि जी जाती है |

उनके पीने के लिए मिनरल वाटर तक की व्यस्था की गयी है |
अल्पसंख्यक आयोग ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर इन्हें भारत मे बसने और भारतीय नागरिकता देने की वकालत की है |

क्योकि ये मुसलमान है और भविष्य के वोट बैंक है .. और पाकिस्तानी हिंदू .. हिंदू है और हिंदू कभी वोट बैंक नही बन सकता क्योकि वो पहले ब्राम्हण, राजपुत, पटेल , दलित, आदि तुच्छ और घटिया जातिगत मानसिकता से सोचता है |

मित्रों, आब जो हाल आसाम का है वही हाल २० साल बाद दिल्ली का होगा |


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