इस्लाम में जातिवाद” के कुछ कड़वे तथ्य आपके सामने रखने जा रहा हूँ ....
१. जबसे इस्लाम मज़हब बना हैतभी से “शिया और सुन्नी” मुस्लिम एक दूसरे की जान के दुश्मन हैं, यह लोग आपस में लड़ते-मरते रहते हैं ...!!
२. अहमदिया, सलमानी, शेख, क़ाज़ी, मुहम्मदिया, पठान आदि मुस्लिमों की जातियांहैं, और हंसी की बात, यह एक ही अल्लाह को मानने वाले एक ही मस्जिद में नमाज़ नहीं पढते!!! सभी जातियों के लिए अलग अलग मस्जिदें होती हैं !!
३. सउदी अरब, अरब अमीरात, ओमान, कतर आदि अन्य अरब राष्ट्रों के मुस्लिम पाकिस्तान, भारत और बंगलादेशी मुस्लिमों से छुआछूत मानते हैं . सउदी अरब मे ऑफिसो मे भारत पाक के मुसलमानों के लिए अलग पानी रखा रखता है |
४. शेख अपने आपको सबसे उपर मानते हैं और वे किसी अन्य जाति में निकाह नहीं करते.
५. इंडोनेशिया में १०० वर्षों पूर्व अनेकों बौद्ध और हिंदू परिवर्तितहोकर मुस्लिम बने थे, इसी कारण से
सभी इस्लामिक राष्ट्र, इंडोनेशिया से घृणा की भावना रखते हैं...
६. क़ाज़ी मुस्लिम भारतीय मुस्लिमों को मुस्लिम ही नहीं मानते... क्यूंकि उनकामानना है के यह सब भी हिंदूधर्म से परिवर्तित हैं !!!
७. अफ्रीका महाद्वीप के सभी इस्लामिक राष्ट्र जैसे मोरोक्को, मिस्र, अल्जीरिया, निजेर,
लीबिया आदि राष्टों के मुस्लिमों को तुर्की के मुस्लिम सबसे निम्न मानतेहैं .
८. सोमालिया जैसे गरीब इस्लामिक राष्ट्रों में अपने बुजुर्गों को जीवित समुद्र में बहाने की प्रथा चल
रही है !!!
९. भारत के ही बोहरा मुस्लिम किसी भी मस्जिद में नहीं जाते वो मात्र मज़ारों पे जाते हैं... उनका विश्वास सूफियों पे है... अल्लाह पे नहीं !!
१०. मुसलमान दो मुखय सामाजिक विभाग मानते हैं-
१. अशरफ अथवा शरु और २. अज़लफ। अशरफ से तात्पर्य है 'कुलीन' और शेष अन्य मुसलमान जिनमें व्यावसायिक वर्ग और निचलीजातियों के मुसलमान शामिलहैं उन्हें अज़लफ अर्थात्नीचा अथवा निकृष्ट व्यक्ति माना जाता है। उन्हें कमीना अथवा इतर कमीन या रासिल, जो रिजाल काभ्रष्ट रूप है, 'बेकार' कहा जाता है।
कुछ स्थानों पर एक तीसरा वर्ग 'अरज़ल' भी है, जिसमें आने वाले व्यक्ति सबसे नीच समझे जाते हैं।
उनके साथ कोई भी अन्य मुसलमान मिलेगा- जुलेगा नहीं और न उन्हें मस्जिद और सार्वजनिक
कब्रिस्तानों में प्रवेश करने दिया जाता है।
१. 'अशरफ' अथवा उच्च वर्ग के मुसलमान (प) सैयद, (पप) शेख, (पपप) पठान, (पअ) मुगल, (अ) मलिक और (अप) मिर्ज़ा।
२. 'अज़लफ' अथवा निम्न वर्ग के मुसलमान 1. खेती करने वाले शेख और अन्य वे लोग जोमूलतः हिन्दू थे, किन्तु किसी बुद्धिजीवी वर्ग से सम्बन्धित नहीं हैं और जिन्हें अशरफ समुदाय, अर्थात् पिराली और ठकराई आदि में प्रवेश नहीं मिला है।
2. दर्जी, जुलाहा, फकीर और रंगरेज। 3. बाढ़ी, भटियारा, चिक, चूड़ीहार, दाई,
धावा, धुनिया, गड्डी, कलाल, कसाई, कुला, कुंजरा,लहेरी, माहीफरोश, मल्लाह, नालिया, निकारी।
4. अब्दाल, बाको, बेडिया, भाट, चंबा, डफाली, धोबी, हज्जाम, मुचो, नगारची, नट, पनवाड़िया, मदारिया, तुन्तिया।
३. 'अरजल' अथवा निकृष्ट वर्ग भानार, हलालखोदर,हिजड़ा , कसंबी, लालबेगी, मोगता, मेहतर।
अल्लाह एक , एक कुरान, एक .... नबी ! और महान एकता......... बतलाते हैं ?
जबकि, मुसलमानों के बीच, शिया और सुन्नी सभी मुस्लिम देशों में एक दूसरे को मार रहे हैं .
और, अधिकांश मुस्लिम देशों में.... इन दो संप्रदायों के बीच हमेशा धार्मिक दंगा होता रहता है..!
इतना ही नहीं... शिया को.., सुन्नी मस्जिद में जाना मना है .
इन दोनों को.. अहमदिया मस्जिद में नहीं जाना है.
और, ये तीनों...... सूफी मस्जिद में कभी नहीं जाएँगे.
फिर, इन चारों का मुजाहिद्दीन मस्जिद में प्रवेश वर्जित है..!
किसी बोहरा मस्जिद मे कोई दूसरा मुस्लिम नहीं जा सकता .
कोई बोहरा का किसी दूसरे के मस्जिद मे जाना वर्जित है ..
आगा खानी या चेलिया मुस्लिम का अपना अलग मस्जिद होता है .
सबसे ज्यादा मुस्लिम किसीदूसरे देश मे नही बल्कि मुस्लिम देशो मे ही मारे गए है ..
आज भी सीरिया मे करीब हर रोज एक हज़ार मुस्लिम हर रोज मारे जा रहे है .
अपने आपको इस्लाम जगत का हीरों बताने वाला सद्दाम हुसैन ने करीब एक लाख कुर्द मुसलमानों को रासायनिक बम से मार डाला था ...
पाकिस्तान मे हर महीने शिया और सुन्नी के बीच दंगे भड़कते है .
और इसी प्रकार से मुस्लिमों में भी 13 तरह केमुस्लिम हैं., जो एक दुसरे के खून के प्यासे रहते हैं और आपस में बमबारी और मार-काट वगैरह... मचाते रहते हैं.....
*****अब आइये ... जरा हम अपने हिन्दू/सनातन धर्म को भी देखते हैं. -
हमारी 1280 धार्मिक पुस्तकें हैं, जिसकी 10,000 से भी ज्यादा टिप्पणियां और १,00.000 से भी अधिक उप-टिप्पणियों मौजूद हैं..! एक भगवान के अनगिनत प्रस्तुतियों की विविधता, अनेकों आचार्य तथा हजारों ऋषि-मुनि हैं जिन्होंने अनेक भाषाओँ में उपदेश दिया है..
फिर भी, हम सभी मंदिरों में जाते हैं, इतना ही नहीं.. हम इतने शांतिपूर्ण और सहिष्णु लोग हैं कि सब लोग एक साथ मिलकर सभी मंदिरों और सभी भगवानो की पूजा करते हैं .
और तो और.... पिछले दस हजार साल में धर्म के नाम पर हिंदुओं में "कभी झगड़ा नहीं" हुआ .
इसलिए इन लोगों की नौटंकी और बहकावे पर मत जाओ... और...."गर्व से कहो हम हिन्दू हैं"...!
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