Wednesday, September 25, 2013

साकार का अर्थ ....

साकार का अर्थ हुआ जिसका कोई आकार हो हाथ पैर मुह वगैरह और निराकार का मतलब हुआ जिसका कोई आकार ना हो पर मित्रो आपको जानकार आश्चर्य होगा की वेद का इश्वर इन् दोनों से परेह ना तो वो साकार है और ना ही निराकार है क्योंकि साकार का मतलब मै लिख चूका हु पर निराकार का मतलब क्या हुआ निराकार का मतलब जिसका कोई आकर ना हो मतलब आकाश तत्व यदि नही तो मुझे बताइए की आकाश तत्व का क्या आकर है किसी के पास है उत्तर 
और ये आकाश तत्व ही समय की रचनाकर्ता है आइन्स्टीन के अनुसार दोनों में छुपा हुआ कनेक्शन है एक रहेगा तो दूसरा अपने आप आ जायेगा और अगर एक नही रहेगा तो दूसरा अपने आप मिट जायेगा
और जब इश्वर आकाश तत्व से हट जाता है तो वो अपने आप सभी आयामों से हट जाता है तब वो किसी आयामों की श्रृंखला में नही आता है तो उस तरह आइन्स्टीन का इश्वर अगर कही है तो वो वेद का ही इश्वर हो सकता है और कही का नही क्योंकि वेद के इश्वर ने ही इस आकाश तत्व की रचना की है
आकाश तत्व का रंग काला है अब आप बताइए कृष्ण का रंग क्या था जी हां इनके श्याम रंग का रहस्य ठीक यही है की सम्पूर्ण आकाश तत्व उनमे ही समाहित है वैसे कही कही उनका रंग नीला भी दिखाया जाया है उनकी मूर्तियों में इसका रहस्य ये है की दिन में आकाश का रंग नीला होता है और रात में कला इसका सिर्फ यही अर्थ की आकाश तत्व उनमे ही समाहित है उनमे से ही निकला है
साभार nitin mishra


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