इसे कहते हैं मोदी का जादू.....
लम्बे अरसे से मोदी जी के खिलाफ लिखती आ रही वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने भी मोदी जी का लोहा मान लिया है।
पेशे से पत्रकार तवलीन मुस्लिम समुदाय से हैं
जिन्होंने पाकिस्तान के नेता सलमान तासीर से निकाह किया था।
अमर उजाला में आज छपे लेख में उन्होंने लिखा है कि:
"लोग क्या चाहते है वो अब दिखने लगा है। पत्रकार होने के नाते मैं जयपुर गयी लेकिन वहां जो नजारा देखा उसे झुठला नहीं सकती। अगर अपनी आँखों से ना देखा होता तो विश्वास ना होता। जहाँ तक नजर जाती बस लोग ही लोग थे। बहुत से लोग तो सुबह से ही तपती धुप में बैठकर मोदी का इंतजार कर रहे थे। कुछ रस्ते में ही रह गए। कड़ी मशक्कत करने के बाद जब मैं अमरुद वाले बाग़ पहुंची तो वहां कि भीड़ सडको से भी कई गुना ज्यादा थी। मुझे पाँव रखने के लिए भी जगह नहीं मिल रही थी। हर तरफ से मोदी मोदी की आवाजे सुनाई पड़ रही थी जिससे साफ पता चलता था कि लोग सिर्फ मोदी को सुनने आये हैं।
मैंने कई सभाए देखी हैं पर इतनी भारी संख्या में लोग पहले कभी नहीं देखे। दिल्ली में बैठे लोग जो ये कह रहे थे कि मुस्लिम लोगो को जबरदस्ती लाया गया था वो आकर यहाँ देखते। उनकी भी आंखे आश्चर्य से फटी की फटी रह जाती।
मुझे याद है जब जनता पार्टी की सभाओ में लोगो की भीड़ उमड़ने लगी थी और लोग इंद्रा गाँधी हटाओ के नारे लगा रहे थे तब इंदिरा गाँधी इतनी डर गयी थी की उन्होंने दूरदर्शन पर बोबी फिल्म लगवा दी ताकि लोग घरो से ना निकले लेकिन नतीजा उल्टा हुआ।
ठीक ऐसा ही उस दिन मेरे साथ हुआ । अम्रूद्वाले बाग़ तक पहुँचने में 6 घंटे से ज्यादा समय लगा। एक बार तो लगा की लौट जाऊं पर लोगो के सैलाब को उधर जाते देख मैं भी उनके साथ हो ली। दूर दूर से लोग आ रहे थे क्या बूढ़े और क्या बच्चे...नौजवान तो इतने थे कि पूरे भारत के युवा यहीं आ गए हैं। भीड़ को वहां जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने बहुत प्रयास किये। यातायात को अवरुद्ध कराया गया। यहाँ तक की जगह जगह बिजली भी बंद कर दी गयी। राजस्थान सरकार की ऐसी व्याकुलता देखकर मुझे इंद्रा गाँधी की वो दशा याद आ गयी।
इसमें कोई दो राय नहीं कि देश में मोदी नाम की आंधी चल चुकी है और इस आंधी का असर इतना तेज है की विरोधी अपना तम्बू भी नहीं संभाल पा रहे।
लम्बे अरसे से मोदी जी के खिलाफ लिखती आ रही वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने भी मोदी जी का लोहा मान लिया है।
पेशे से पत्रकार तवलीन मुस्लिम समुदाय से हैं
जिन्होंने पाकिस्तान के नेता सलमान तासीर से निकाह किया था।
अमर उजाला में आज छपे लेख में उन्होंने लिखा है कि:
"लोग क्या चाहते है वो अब दिखने लगा है। पत्रकार होने के नाते मैं जयपुर गयी लेकिन वहां जो नजारा देखा उसे झुठला नहीं सकती। अगर अपनी आँखों से ना देखा होता तो विश्वास ना होता। जहाँ तक नजर जाती बस लोग ही लोग थे। बहुत से लोग तो सुबह से ही तपती धुप में बैठकर मोदी का इंतजार कर रहे थे। कुछ रस्ते में ही रह गए। कड़ी मशक्कत करने के बाद जब मैं अमरुद वाले बाग़ पहुंची तो वहां कि भीड़ सडको से भी कई गुना ज्यादा थी। मुझे पाँव रखने के लिए भी जगह नहीं मिल रही थी। हर तरफ से मोदी मोदी की आवाजे सुनाई पड़ रही थी जिससे साफ पता चलता था कि लोग सिर्फ मोदी को सुनने आये हैं।
मैंने कई सभाए देखी हैं पर इतनी भारी संख्या में लोग पहले कभी नहीं देखे। दिल्ली में बैठे लोग जो ये कह रहे थे कि मुस्लिम लोगो को जबरदस्ती लाया गया था वो आकर यहाँ देखते। उनकी भी आंखे आश्चर्य से फटी की फटी रह जाती।
मुझे याद है जब जनता पार्टी की सभाओ में लोगो की भीड़ उमड़ने लगी थी और लोग इंद्रा गाँधी हटाओ के नारे लगा रहे थे तब इंदिरा गाँधी इतनी डर गयी थी की उन्होंने दूरदर्शन पर बोबी फिल्म लगवा दी ताकि लोग घरो से ना निकले लेकिन नतीजा उल्टा हुआ।
ठीक ऐसा ही उस दिन मेरे साथ हुआ । अम्रूद्वाले बाग़ तक पहुँचने में 6 घंटे से ज्यादा समय लगा। एक बार तो लगा की लौट जाऊं पर लोगो के सैलाब को उधर जाते देख मैं भी उनके साथ हो ली। दूर दूर से लोग आ रहे थे क्या बूढ़े और क्या बच्चे...नौजवान तो इतने थे कि पूरे भारत के युवा यहीं आ गए हैं। भीड़ को वहां जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने बहुत प्रयास किये। यातायात को अवरुद्ध कराया गया। यहाँ तक की जगह जगह बिजली भी बंद कर दी गयी। राजस्थान सरकार की ऐसी व्याकुलता देखकर मुझे इंद्रा गाँधी की वो दशा याद आ गयी।
इसमें कोई दो राय नहीं कि देश में मोदी नाम की आंधी चल चुकी है और इस आंधी का असर इतना तेज है की विरोधी अपना तम्बू भी नहीं संभाल पा रहे।
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